आत्मविश्वास से भरी कहानी | Aatmviswash Se Bhari Kahani | Motivational Hindi Story, Hindi Kahani
आज हम करोना जैसी बीमारी से डर रहे है हर दिन हिम्मत हारते जा रहे है ऐसी में जरुरी हो जाता है एक ऐसी उम्मीद की जो कहे की घबराने की बात नहीं है अब सब ठीक जो जाएगा ये कोई और नहीं कहेगा ये आवाज आपके अंदर से ही आ सकती है आज हर किसी को अपने अंतर्मन की आवाज सुनने की जरूरत है
हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है खुद पे भरोसा रखे ये समय भी गुजर जाएगा। आज में आपके लिए एक ऐसी ही कहानी लेकर आया हु जिससे आप को अपने आत्मविश्वास को पाने में मदद मिलेगी कहानी पूरी जरूर पड़े क्योकि ये एक ऐसी कहानी है जिसके किरदार ने मौत को भी पीछे छोड़ दिया ये कहानी एक सच्ची कहानी है तो आइये कहानी शुरू करते है।
जोश सलवेडर जो पेशे से मछवारे थे 17 नवम्बर 2012 को अपने घर से मछली पकड़ने निकले,जोश मैकसिको के रहने वाले है। यह रोज की तरह ही एक आम दिन था उनके साथ उनके दोस्त कोरडोवा भी थे। उनका काम 26 से 30 घंटे का होता था लेकिन इस बार किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वो समंदर में बड़े चले जा रहे थे लेकिन अचानक एक तूफ़ान में वो फस गए तूफ़ान इतना शक्तिशाली था कि उन्हें अब संभलना मुश्किल हो गया था ,उन्होंने वापस जाने की सोची लेकिन अब वो अपनी नाव को नहीं सभाल पा रहे थे तूफ़ान में समुन्द्र की लहरे उनकी नाव को बहा ले जा रही थी वो पूरी तरह रास्ता भूल चुके थे। उनके नाव की संपर्क प्रणाली भी काम नहीं कर रही थी अब वो दोनों समुन्द्र में कही कही खो गए थे। जब तूफ़ान शांत हुवा तो उनके चारो और दूर दूर तक समुन्द्र ही समुन्द्र था ज़मीं का नामो निशाँ नहीं दिख रहा था। वो विशाल समंदर की ऐसी जगह पहुंच चुके थे जहा से वो किसी को मदद के लिए भी नहीं पुकार सकते थे। उनके पास न खाना था और न ही उनके सर पर छत थी।
समय बीतता गया कई दिन गुजर गए लेकिन अब भी उनको कही से कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। उन्होंने समुंद्री कछुवो और मछलियों को खाकर पेट भरना शुरू किया। लगभग 4 महीने का समय बीत चुका था जोश के दोस्त कोरडोवा कच्चा मांश खा खा कर ऊब चुके थे अब कोरडोवा ने हिम्मत हार ली उन्होंने खाना छोड़ दिया और कुछ दिनों के बाद कोरडोवा की मौत हो गयी।
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लेकिन अभी भी जोश ने हिम्मत नहीं हारी वो अकेले थे बिना खाना पानी के फिर भी इस इंसान ने मौत के सामने घुटने नहीं टेके ,30 जनवरी 2014 एक लम्बा समय या फिर यु कहे की पूरे 438 दिन बाद जोश को उम्मीद की एक किरण नजर आयी उन्हें आज जमीन दिखी वो उस ओर बढ़ चले,
जमीन पर पहुँचते ही जोश बेहोश हो गए बाद में वही के कुछ स्थानीय लोगो ने उन्हें देखा उसके बाद वो लोग जोश को अपने साथ ले गए ओर उनका इलाज़ किया बाद में जब जोश को होश आया तो उन्होंने अपने आस पास लोगो को देखा ये एक आम इंसान के लिए एक चमत्कार से कम नहीं था की एक अकेला आदमी समुन्द्र में इतने दिन तक ज़िंदा रह पाया। ये कुछ और नहीं था बल्कि जोश सलवेडर का आत्मविश्वास ही था जो आज वो ज़िंदा है
जोश आज भी अपने गांव मैकसिको में रह रहे है वो अतीत की उन बातो को भुला कर जीने की चाह में आगे बढ़ रहे है।
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तो दोस्तों देखा आपने एक आम इंसान ने अपने भरोसे ओर हिम्मत से मौत को पीछे छोड़ दिया आज हर किसी को अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने की जरुरत है मुश्किल घड़ी में उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए क्योकि अगर वक़्त बुरा हो तो अच्छा भी जरूर आता है।
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