Rupeye Ke Pedh | एक प्रेणनादायक कहानी | Motivational Story | रुपये के पेड़ | Hindi Story

Rupeye Ke Pedh | एक प्रेणनादायक कहानी | Motivational 

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Motivational Story

नीरज नाम का एक गरीब किसान था जो दिन भर अपने खेतो में काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था।नीरज का घर खेती से उपजे अनाज के सहारे बहुत मुश्किल से चलता था जरूरतों की पूर्ति के लिए वह अन्य काम भी किया करता था। नीरज के दो बेटे थे जो 18 और 20 साल के थे वो दोनों इतने आलसी थे पूरा पूरा दिन वो दोनों घर पर ही रहते थे उनका किसी काम में मन नहीं लगता था उन दोनों की इन हरकतों से नीरज हमेसा दुखी रहता था सोचता था की अगर ये दोनों ऐसे ही रहेंगे तो ये अपने आने वाले कल में क्या करेंगे इसी उधेड़बुन में नीरज हमेसा उन्हें समझाता रहता था पर उन दोनों पर नीरज की किसी भी बात का कोई असर नहीं पड़ता था।

एक दिन नीरज अपने खेत में काम कर रहा था तभी वह से एक साधु वहा गुजरा नीरज को देख वह रुक गया और नीरज को अपने पास बुलाया,नीरज उस साधु के पास पंहुचा और बड़े आदर के साथ उसने साधु को प्रणाम किया साधु ने नीरज की आँखों में बेबसी की झलक देखी और उससे पुछा तुम इतने उदाश क्यों हो ।

नीरज ने साधु को अपनी पूरी दास्तान सुना दी,नीरज की कहानी सुन वह साधु बोले अब तुझे उदाश होने की जरुरत नहीं है तुम्हारे बेटो को कैसे काबिल बनाना है ये तुम मुझ पर छोड़ दो यह कह कर साधु ने नीरज को उसे अपने घर लेकर चलने को कहा !

नीरज साधु को लेकर अपने घर आ गया, घर आकर उसने अपने दोनों बेटो को बुलाया। साधु ने उसके बेटो से कहा तुम अगर ज़िन्दगी भर ऐश करना चाहते हो तो तुम्हे मेरी बातो को मानना होगा ,जैसा मै कहता हु अगर तुम वैसा करते हो तो तुम्हारे पास इतना धन होगा जिसकी तुम कल्पना भी नहीं कर सकते।

Hindi Kahaniya

यह सुन नीरज के दोनों बेटो की आँखों में एक चमक आ गयी भला ऐसा कैसे हो सकता है अगर ऐसा हो जाए तो मजे से ज़िन्दगी जियेंगे ये सोच दोनों  बोले बताइये महाराज हमे क्या करना होगा। साधु ने कहा तुम्हारे घर मे जितना भी बीज है उसे यहाँ लेकर आओ दोनों बड़ी तेजी से अंदर की ओर भागे और थोड़ी देर में उन्होंने साधु के सामने सारा बीज लाकर रख दिया,

 साधु ने उन दोनों से कहा इन बीजो को मै मंत्र से पैसे वाले बीज बना रहा हु लेकिन ये बात तुम दोनों के अलावा किसी तीसरे को पता नहीं चलनी चाहिए, उन दोनों ने हामी  दी। फिर साधु ने उनके सामने कुछ मंत्र बोले और उन बीजो पर पानी के छींटे डाले, साधु ने उन दोनों से कहा अब ये बीज साधारण नहीं है ये पैसो वाले बीज हो चुके है अब अगर इन्हे तुम अपने खेत में बो देते हो तो इनसे जो फसल पैदा होगी उनमे  पैसा होगा।जब फसल पूरी तैयार हो जाए तो इसे बाजार में बेच आना लेकिन  का ध्यान रखना इन बीजो को तुम्हे  ही बोना है अगर कोई इन्हे छू भी देगा तो ये  साधारण बीज बन जायेगे ये  उन दोनों ने हामी भर दी। 

ये सोच की वो बहुत आमिर हो जाएंगे दोनों ने खेतो को खोदना शुरू कर दिया बड़ी मेहनत के बाद वो दोनों खेत खोदने  हो पाए। नीरज को पहली बार उन दोनों को काम करते देख ख़ुशी हो रही थी । बड़ी मेहनत के बाद उन दोनो ने खेतो में बीज बो दिए और अब उन्हें इंतज़ार था तो फसल के उगने का ,हर रोज वो दोनों बारी बारी खेतो में जाने लगे धीरे धीरे बीज अंकुरित होने लगे उन दोनों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था वो पूरा पूरा दिन खेत में बिताने लगे कुछ महीनो बाद खेतो में बहुत ही अच्छी फसल लहलहाने लगी लेकिन उन्हें इंतज़ार था की इन फसलों में पैसे कब लगेंगे। 

एक प्रेणनादायक कहानी

धीरे धीरे फसल पूरी तैयार हो गयी इस बार उनकी फसल बहुत अच्छी हुवी थी अब उन दोनों ने पूरी मेहनत के साथ फसल की कटाई का काम किया खाने जितना बीज घर में रखकर बाकी बीज को बेचने वो दोनों शहर की और निकल पड़े वह जाकर उन्होंने सारा अनाज बेच डाला जिसके बदले उन्हें काफी धन मिला वो दोनों ख़ुशी ख़ुशी घर की ओर लौट आये आज उन दोनों की आँखों में एक निराली चमक थी क्योकि आज पहली बार उन्हें उनकी मेहनत का इनाम मिला था आज उन्हें साधु की बात समझ आ गयी थी की पैसो के पेड़ क्या होते है। 

Moral Of The Story : अगर किसी काम को पूरी ईमानदारी और लगन से किया जाए तो उसका फल और लक्ष्य जरूर प्राप्त होता है 

एक कहानी ऐसी भी जो आपके दिल को छू जाए



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