Sachi Kahani | इंसान और आत्मा के बीच की सच्ची कहानी | *Real Story

इंसान और आत्मा के बीच की पहेली | Real Story 2023

ये कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है जिसे आज भी वहा के लोग नहीं भूले है ,अकसर हमारे समाज में भूत या फिर प्रेत आत्माओ को लेकर बहुत सारी कहानिया प्रचलित होती है जिनका किसी की ज़िन्दगी में बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है और किसी के लिए यह अंधविश्वास से बढ़ कर कुछ नहीं होता है आज में जो आपके लिए एक ऐसी ही कहानी ले कर आया हु इस कहानी को जान्ने के बाद शायद आपका भी नजरिया बदल जाए। 

Real Horror Story


यह कहानी है उत्तराखंड के एक पहाड़ी गांव की। समर नाम का लड़का अपने परिवार के साथ रहता था समर छटी क्लास में में पड़ता था। उसका स्कूल गांव से बाहर दूसरे गांव में था। बात तब की जब उत्तराखंड के हर गांव में सड़क यातायात नहीं था इसलिए समर को जंगल के रास्ते होकर दूसरे गांव जाना पड़ता था।

बूढ़ा आदमी - तुम यहाँ क्यों सो रहे हो ?
समर ने उन्हें पूरी कहानी सुना दी।


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फिर उन बूढ़े आदमी ने समर को अपने साथ लिया ओर गांव की ओर चल पड़े करीब आधा घंटे चलने के बाद वो लोग गांव पहुंच गए उन बूढ़े आदमी ने समर से फिर कहा -
जा वो रहा तेरा घर "जा घर जा" फिर कभी ऐसा मत करना।
समर घर की ओर चल पड़ा ,घर पर लोगो की भीड़ लगी थी गांव वाले समर को ढूढ़ने के लिए जाने को निकल रहे रहे थे उनके हिसाब से समर के साथ कोई न कोई दुर्घटना जरूर हुई है । इतने में समर घर पंहुचा,उसे देख समर के घरवालों की जान में जान आयी सबने समर से यही पुछा की अब तक कहा था ?
अगले दिन सुबहे जब गांव वालो ने रात के किस्से के बारे में उन बूढ़े दादा से पुछा तो उन्होंने रात की घटना से साफ़ इंकार कर दिया उनके अनुसार कल वो घर पर ही थे तो समर के साथ कैसे हो सकते है।

अकसर हम भूतो, प्रेत आत्माओ के बारे में सुनते है यह एक ऐसा विषय है जिसपे कई सारी फिल्मे भी बन चुकी है आज की कहानी में जिस भूत का जिक्र है कहते है आज भी वो उस जगह मौजूद है तो चलिए कहानी की ओर चलते है।

  रात में समर को बुखार होने की वजह से वो सुबहे स्कूल नहीं जाना चाहता था लेकिन फिर भी वो स्कूल के लिए चल पड़ा। दिन में स्कूल ख़त्म होने के बाद वो घर की ओर चल पड़ा,वह जंगल से हो कर जा रहा था लेकिन बुखार ने मानो उसके शरीर को तोड़ दिया था समर वही जंगल में एक पेड़ के नीचे बैठ गया बुखार ओर रात भर नहीं सोने की वजह से उसे नींद आ गयी,

समर को वही पर सोये सोये रात हो गयी रात करीब 8 बजे उसे एक आवाज सुनाई दी जब समर ने आँखे खोली तो उसके आस पास अँधेरा था समर बुरी तरह डर गया तभी उसे किसी ने उसके नाम से पुकारा समर ने उस ओर देखा वह एक बूढ़ा आदमी खड़ा था 

 समर ने देखते ही उन्हें पहचान लिया वो समर के गांव के ही एक बूढ़े दादा थे,अब समर की जान में जान आयी उस बूढ़े आदमी ने समर से कहा -समर ने सारा किस्सा सुना दिया,

अब सब साफ़ हो चुका था कल रात समर को घर छोड़ने वाला कोई और नहीं वही भूत था जो उस जंगल में अक्सर रात में दिखता है,वह भूत एक शिकारी का है  जो आज से कई साल पहले उस जंगल में शिकार करने आया था लेकिन उसकी वहा अचानक मौत हो गयी थी तब से उस रास्ते में कई बार लोगो ने रात में उसे देखने का दावा किया था। खैर जो भी हुवा समर के लिए वो आत्मा एक सहारा बन के आई जो उस बच्चे को उसकी मंजिल तक छोड़ गयी।  

भूत प्रेत हर किसी को डराने का काम नहीं करते अगर ऐसा होता तो शायद ये कहानी कुछ और होती अगर इंसान अच्छे और बुरे होते है तो आत्माये भी अच्छी और बुरी होती है। 

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