डर की एक तस्वीर - Real Horror Story In Hindi - रियल लाइफ स्टोरी इन हिंदी - सबसे अच्छी कहानी - Hindi Horror Story Kahani - Hindi Horror True Story
दोस्तों आज की कहानी डर और विश्वास की एक मिसाल है जो एक छलावे की है इस कहानी में आपको जीवन के सच से जुड़ने का मौका मिलेगा,ये कहानी बहुत दिलचस्प है आइये टाइम ना गवाते हुए आज की कहानी शरू करे है हम आप जिस दुनिया में रहते है यहाँ भगवान् भी है और शैतान भी,अगर आप भगवान् पर विश्वास करते है तो शैतान के अस्तित्व को भी नकार नहीं सकते ,ये कहानी उत्तराखंड के एक पहाड़ी गांव की है उत्तराखंड जिसे देव भूमि भी कहा जाता है यहाँ भगवान् और शैतान सब मौजूद है, बस फर्क आस्था और विश्वास का है !नीरज अपने घर से ससुराल के लिए निकलता है नीरज को अपने घर से ससुराल पहुंचने में लगभग 4 घंटे लगते थे,नीरज ने ससुराल जाने के लिए शुक्रवार का प्लान किया ,सुबह वह अपने काम पर गया और साम को 5 बजे काम बंद कर वह अपनी बाईक से ससुराल के लिए निकल पड़ा ,चलते चलते रात के लगभग साढ़े 7 बज चुके थे वह अपने ससुराल से महज आधे घंटे की दूरी पर था ,रास्ता काफी सुनसान था और जंगल के बीच से रोड थी ,रात पूरी घिरने पर आ चुकी थी , चारो और अँधेरा था बस बाइक की लाइट का जितना उजाला था बस वही था आस पास कोई गांव भी नहीं था और इस रास्ते में इस अँधेरे में किसी इंसान का मिलना भी मुश्किल था !
नीरज अपनी धुन में बाईक चला रहा था तभी रास्ते में एक आदमी ने नीरज से लिफ्ट मांगी,पहले नीरज ने उसे देखे का अनदेखा किया और आगे बढ़ गया तभी नीरज ने ये सोच कर बाईक रोक दी की वो उस ओर ही जा रहा है इंसानियत के नाते किसी की मदद ही सही ये सोचकर नीरज ने उसे लिफ्ट दे दी ,थोड़ी दूर चलने के बाद वह आदमी नीरज से बोला बीड़ी मिलेगी क्या ? इस पर नीरज ने ना में सर हिला दिया क्योकि नीरज बीड़ी नहीं पीता था,वह आदमी फिर बोला बीड़ी मिलेगी क्या ? नीरज को लगा शायद उसने पहले नहीं समझा इस पर नीरज बाईक की स्पीड थोड़ा कम करके बोला मै बीड़ी नहीं पीता मेरे पास बीड़ी नहीं है ,इस पर वह आदमी झट से बोला अगर बीड़ी नहीं है तो सिगरेट ही दे दो ! नीरज ने उससे कहा मै कुछ भी नहीं पीता हु, इस पर वह आदमी गुस्से से बोला अगर बीड़ी नहीं है तो मुझे साथ में ले के क्यों आये उतार दो मुझे यही !एक छलावे की कहानी
यह सुन नीरज को बहुत अजीब लगा वह मन में सोचने लगा एक तो मैंने इतनी रात में इसकी मदद की धन्यवाद कहने के बजाय यह ऐसा कह रहा है नीरज ने बाईक रोकी और उसे वही पर उतर जाने को कहा लेकिन वह आदमी कुछ नहीं बोला,नीरज ने पीछे मुड़कर जैसे ही देखा वहा कोई नहीं था !नीरज की समझ में नहीं आ रहा था की वह आदमी जो उसकी बाईक में अब तक था वह कहा गया अब नीरज को थोड़ा डर का अहसास होने लगा था ,नीरज ने जल्दी से बाईक स्टार्ट की और वहा से चलता बना, थोड़ी दूर चलने के बाद जैसे ही नीरज एक मोड़ के पास पंहुचा वो देखता है की वही आदमी सामने खड़ा है वह नीरज को हाथ का इशारा कर बीड़ी मांग रहा है ऐसा नीरज के साथ ज़िन्दगी में पहली बार हुवा था ,नीरज ने उसे नजरअंदाज कर बाईक की स्पीड बढ़ा ली ! अभी नीरज कुछ समझ पाता न जाने कहा से वो आदमी चलती बाईक में नीरज के पीछे बैठ गया नीरज को पता भी नहीं चला ,
अब डर के मारे नीरज के पूरे शरीर में कपकपी होने लगी क्योकि नीरज ने जो आज तक किस्से कहानियो में सुना था आज वो सब उसके साथ घटित हो रहा था ,वह आदमी नीरज से फिर से वही बोला ,"बीड़ी है क्या ?"
Hindi Horror Story Kahani
अब नीरज को समझ नहीं आ रहा था की वो क्या कहे ,नीरज शांत था मौन था और पूरी तरह डरा हुवा ,उस आदमी ने फिर से वही सवाल किया ,तभी रोड किनारे नीरज को हनुमान जी का मंदिर दिखा वह बाईक को उस और ले के चल दिया,वह पर पहुंच कर उसने पूरे जोर से ब्रेक लगाया और जैसे ही वो पीछे मुड़ा वह आदमी फिर गायब हो गया !Sachi Kahani | इंसान और आत्मा के बीच की सच्ची कहानी | *Real Story
नीरज कुछ देर मंदिर के पास रुका और फिर हनुमान चालीसा का जाप करता हुवा बाईक पर सवार होकर आगे की और बढ़ गया, नीरज पूरी तरह डरा हुवा था लेकिन हनुमान चालीसा का जाप करता हुवा वह अपने ससुराल पहुंच गया ! वहा पहुंच कर उसने सारी बाते अपने ससुराल में बताई ,
तब नीरज को इस रास्ते की सच्चाई पता चली की इस रास्ते में अक्सर रात में "छलावा " दिखता है लेकिन हनुमान जी के मंदिर के बाद वह नहीं आता है,पहले भी इस छलावे की वजह से यहाँ काफी दुर्घटनाये हो चुकी है इस कारण यहाँ के लोगो ने वहा पर हनुमान जी का मंदिर बनाया है यह सुन नीरज की रूह काँप उठी,उस दिन से नीरज ने रात में कही भी सफर नहीं किया !
दोस्तों ये थी एक छलावे की कहानी जो सच में घटित हुवी थी अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी तो आप Follow जरूर करे !
नीरज कुछ देर मंदिर के पास रुका और फिर हनुमान चालीसा का जाप करता हुवा बाईक पर सवार होकर आगे की और बढ़ गया, नीरज पूरी तरह डरा हुवा था लेकिन हनुमान चालीसा का जाप करता हुवा वह अपने ससुराल पहुंच गया ! वहा पहुंच कर उसने सारी बाते अपने ससुराल में बताई ,
तब नीरज को इस रास्ते की सच्चाई पता चली की इस रास्ते में अक्सर रात में "छलावा " दिखता है लेकिन हनुमान जी के मंदिर के बाद वह नहीं आता है,पहले भी इस छलावे की वजह से यहाँ काफी दुर्घटनाये हो चुकी है इस कारण यहाँ के लोगो ने वहा पर हनुमान जी का मंदिर बनाया है यह सुन नीरज की रूह काँप उठी,उस दिन से नीरज ने रात में कही भी सफर नहीं किया !
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