मकर संक्रांति : मकर संक्रांति 2024 में कब हैं - डेट- शुभ मुहूर्त - Makar Sankranti Date and Time

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मकर संक्रांति का त्योहार शीत ऋतु में जनवरी ( पौस मास ) में मनाया जाता है जब भगवान सूर्य  उत्‍तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं इस कारण इस दिन को मकर संक्राति के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग व गणना के अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार हर साल 15  जनवरी को मनाया जाता है। वही उत्तराखंड में इस दिन को घुघुतिया त्यौहार के रूप में मनाया जाता है

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मकर संक्रांति क्यों मनायी जाती है 

मकर संक्रांति मनाये जाने का मुख्य कारण उत्तरायण में शुक्ल पक्ष में किये गए दान पुण्य दुगना होकर लौटते है यही वो शुभ दिन है जिन दिन भगवान् सूर्य अपना स्थान बदल कर उत्तरायण होते है  इस कारण इस पूर्ण फलदायी त्यौहार को भारत ही नहीं नेपाल में भी बढ़ी धूम धाम से मनाया जाता है  हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ गीता में भी इस बात का उल्लेख मिलता है  कहा जाता है इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के घर में जाते है

मकर संक्रांति का महत्व 

भगवान् सूर्य जो तेज के प्रतीक है इस दिन उनकी पूजा आराधना की जाती है इस दिन जगह जगह जप तप व धार्मिक पूजा पाठ की जाती है इस दिन का महत्व इस लिए भी बढ़ जाता है की इस दिन को मोछ प्राप्त होता है यही नहीं इस दिन किये गए दान का दोगुना दान करने वाले को प्राप्त होता है

किन देशो में मकर संक्रांति के पर्व को मनाया जाता है 

 हिन्दू धर्म में नया जाने वाला पर्व मकर संक्रांति भारत ही नहीं बल्कि नेपाल में भी बढ़ी धूम धाम से मनाया जाता है क्योकि नेपाल हिन्दू राष्ट्र है और वहा की ज्यादा आबादी हिन्दू धर्म को मानने वाली है इसके अलावा भी कई अन्य देशो में मकर संक्रांति को मनाया जाता है जहा ये अलग अलग नामो से प्रचलित है

मकर संक्रांति मनाये जाने की पौराणिक कहानी 

श्रीमद्भागवत कथा पुराण के अनुसार, शनि महाराजअपने पिता से क्रोधित थे क्योंकि सूर्य देव ने उनकी माता को तथा शनि देव को खुद से अलग कर दिया, इसका कारण यह था की उनकी माता सूर्य देव की दूसरी पत्नी के पुत्र से बहुत भेद भाव करती थी । इससे नाराज होकर शनिदेव और उनकी माता ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का शाप दे दिया था।
पिता की ऐसी दुर्दशा देखकर यमराज दुखी थे। यमराज ने सूर्यदेव को कुष्ठ रोग से मुक्त करवाने के लिए तप किया । वही दूसरी ओर सूर्य देव ने क्रोधित होकर शनिदेव के घर कुंभ राशि को जला दिया । इसका परिणाम यह हुवा शनिदेव व उनकी माता को भयंकर कष्ठ झेलने पढ़े, यमराज ने अपनी सौतली माता और भाई के कष्टों के निवारण के लिए पिता सूर्य देव से प्रार्थना की,यमराज की भक्ति से खुश होकर सूर्यदेव शनिदेव  के घर कुंभ में पहुंचे।
वह जाकर सूर्य देव ने देखा की कुंभ राशि में सब कुछ जला है । सूर्यदेव की आराधना करने के लिए शनि देव ने काले तिल से सूर्य देव की पूजा की। शनिदेव की आराधना से खुश होकर सूर्य देव ने शनिदेव  को वरदान दिया, शनि का दूसरा घर मकर राशि मेरे (सूर्यदेव ) के आने से धन धान्य से भर जाएगा। 

मकर संक्रांति कब है - When Is Makar Sankranti 

हमारे पूरे भारतवर्ष में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को बहुत धूम धाम से मनाया जायेगा 

मकर संक्रांति शुभ मुहर्त - इस दिन क्या करे  और क्या न करे 

मकर संक्रांति का शुभ मूहुर्त सुबह 07:15 से 09:00 बजे तक है

आइए अब बात करते है इस दिन आपको क्या करना चाहिए 

  • इस दिन आपको शनि देव और सूर्य देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए
  • सुबह ब्रह्म मुहर्त में उठकर स्नान कर पूजा पाठ करना चाहिए
  • इस दिन दान का बहुत महत्व है इस दिन आपको दान जरूर करना चाहिए जिससे कि इस दिन किये दान का पुण्य दोगुना होकर आपको मिलेगा

 अब जानते है इस दिन आपको क्या करना नहीं चाहिए 

  • इस दिन आपको अनुचित शब्द कहने से बचना चाहिए।
  • इस दिन माँस का सेवन ना करे
  • पान बीड़ी तम्बाकू शराब नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए

  मकर संक्रांति से जुड़े सवाल जवाब (FAQ )

Qus - मकर संक्रांति कब है ?
Ans - इस  साल 2024 में मकर संक्रांति 15  जनवरी को है

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