कसार देवी मंदिर अल्मोड़ा का महत्व |Kasar devi Almora | Jaha Aaj Bhi Aalokik Shaktiyan Maujood Hai

कसार देवी मंदिर अल्मोड़ा का महत्व - Kasar Devi Temple , Almora ,माँ  कात्यायनी 

Hello दोस्तों ,
आज हम आपको माँ दुर्गा के कात्यायनी रूप जो कसार देवी मंदिर अल्मोड़ा मे मौजूद है के बारे में बताने जा रहे है उम्मीद करते है आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आएगी। उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में अल्मोड़ा बागेश्वर राज मार्ग में स्थित यह कसार देवी मंदिर अपनी आलोकिक कहानियो के लिए प्रचलित है यहाँ माँ दुर्गा प्रकट हुवी थी
 
 कसार देवी कैसे पहुंचे ?

  • अगर आप हल्द्वानी पहुंचे तो यहाँ से आपको अल्मोड़ा के लिए प्राइवेट टेक्सी या फिर बस लेनी होगी 
  • अल्मोड़ा हल्द्वानी से लगभग 85 किलोमीटर दूर है जिसमे आपको 2 से 3 घंटे लग जाएंगे। अल्मोड़ा पहुंच के आप कसार देवी के लिए प्राइवेट टेक्सी कर सकते है। 
  • सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हल्द्वानी है जहा से आप बस या टैक्सी से अल्मोड़ा जा सकते है 

कसार देवी मंदिर कब बना ?

इस मंदिर का निर्माण लगभग दूसरी शताब्दी के समय में हुवा। कहा जाता है इस कसाय पर्वत पे माँ की आलोकिक शक्तिया मौजूद है। यहाँ माँ दुर्गा के आठवे रूप कात्यायनी  को पूजा जाता है। माँ ने शुम्भ निशुंभ नाम के दैत्यों का वध करने के लिए इस रूप में अवतार लिया था। स्थानीय लोगों के अनुसार  दूसरी शताब्दी में बना यह मंदिर  डच संन्यासियों का घर हुआ करता था।  स्वामी विवेकानंद 1890 में इस स्थान में आये थे बोद्ध गुरु “लामा अन्ग्रिका गोविंदा” ने भी यहाँ विशेष साधना की
  

कसार देवी मंदिर मंदिर का महत्व 

उत्तराखंड  का ये स्थान भारत का एकमात्र और दुनिया का तीसरा ऐसा स्थान है , जहाँ चुम्बकीय शक्तियाँ मौजूद है | कसारदेवी मंदिर की  शक्ति से बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी हैरान हैं। यह स्थान अपने में प्राकर्तिक ख़ूबसूरती को समेटने के साथ साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है

चलिए आपको बताते है दुनिया में ऐसे तीन ऐसे कौन से स्थान है - 1  इंग्लैंड में  स्टोन हेंग, 
2 दक्षिण अमरीका के पेरू में माचू-पिच्चू  3 अल्मोड़ा में कसार देवी मंदिर (भारत का एकमात्र स्थान )  चीड़ बाज और देवदार के घने जंगलो के बीच बसा यह स्थान प्राकर्तिक सुंदरता का एक दर्शनीय स्थल है  यह स्थान क्रैंक रिज के लिये भी प्रसिद्ध है , जहाँ 1960-1970 के दशक में हिप्पी आन्दोलन बहुत प्रभावशाली हुआ था 

आप चाहे तो इस वीडियो के माध्यम से भी देख सकते है


यह पूरा क्षेत्र वैन ऐलन बेल्ट है जिसके नीचे धरती के अन्दर विशाल चुम्बकीय पिंड है नासा के वैज्ञानिक भी इस बात को स्वीकार कर चुके है की यह पूरा क्षेत्र चुम्बकीय है मानसिक शांति मिलने के कारण यह स्थान काफी लोकप्रिय है हर साल यहाँ काफी विदेशी पर्यटक आते है। नवम्बर-दिसम्बर में कार्तिक पूर्णिमा को कसार देवी का मेला लगता है माँ दुर्गा के इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी हर मुराद पूरी होती है माता रानी अपने सच्चे भक्तो को अपना आशीर्वाद देती है हर साल यहाँ लोगो का जमावड़ा लगा रहता है माताये अपने छोटे छोटे बच्चो के लेके माता का आशीर्वाद लेने आती है लोग यहाँ हवन और यह भी करवाते है इसे मंदिर के थोड़ा ऊपर जा कर भगवन शिव का मंदिर है। अगर आप कभी उत्तराखंड आये तो माँ के इस पवित्र स्थल के दर्शन जरूर करे । 




जब आप अल्मोड़ा से इस ओर जायेंगे तो यहाँ के प्राकर्तिक नज़ारे आप का मन मोह लेंगे। सड़क मार्ग से माँ के इस मंदिर की दुरी 100 से 200 मीटर के करीब है मंदिर मार्ग में बाझ के पेड़ है जिससे इस रास्ते मे छाया बानी रहती है,इस स्थान में पहुंच कर आपको एक अलग ही अनुभूति होगी कसार देवी गांव के लोगो के अनुसार यहाँ अक्सर लोग योग साधना करते है और काफी समय यही इस स्थान में बिताते है मानसिक सुख के साथ साथ प्राकृतिक नज़ारो का लुफ्त लेने के लिए इस स्थान पे जरूर जाए। 

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