वक्त के साथ बदलती जिंदगी शायरी ! Zindagi shayri most popular 2025

  वक्त के साथ बदलती जिंदगी शायरी ! Zindagi shayri most popular 2025


 

मुझे उसके बदलने का दुःख नहीं है,

मै अपने यकीन  पर नाराज हु,



मै तो आज भी वही हु लेकिन ,

मेरा यार पराया हो गया है,





हद हो गयी है इंतज़ार की ,

ना वो खुद आया,ना कोई खबर ही आयी,


अगर रो कर ही हर याद मिट जाती,

तो चेहरों पर नकली हंसी ना होती,


याद अच्छी और सच्ची होनी चाहिए,

बुरा तो पूरा जमाना है,


इस कदर पागलपन है मुझे तेरा, मुझे बस तू चाहिए,

इतने सवाल करती है बस ये ना पूछ, मुझे तू क्यों चाहिए,


बिन उसके मेरी हर ख़ुशी अधूरी है,

जैसे साँसे जीने के लिए चाहिए मेरे लिए वो जरुरी है,




रुकने की तो लाखो वजह थी,

पर उसने जाने का बहाना बता दिया,


पता था मुझे भी इंसान बदल जाते है,

यकीन मानो मैंने तुम्हे उन इंसानो मे नहीं समझा था,


आज बहुत सुकून मै हु,

किसी का दिल तोड़ा नहीं अपना दिल तोड़कर बैठा हु,





अगले पल सुकून मिलेगा ये सोचकर,

पूरी ज़िन्दगी का सफर तय कर दिया,


जो किस्मत मै नहीं था उससे दिल लगा बैठे,

सोचा था खुशियां मिलेंगी बेहिसाब,

जितना सुकून बचा था वो भी गवा बैठे,


बदले बदले से हो ख्याल किसका है,

ये मत भूलना नयी सड़क पर पुराना मकान किसका है,


अक्सर बर्बाद हो जाते है वो लोग,

जो किसी से बेपनाह मुहब्बत करते है,




सच कहते है लोग किसी से बेपनाह मुहब्बत ना करो,

बेपनाह मुहब्बत का अंजाम अकेलापन ही होता है,


जाने क्यों नजर लगी मेरे प्यार को जमाने की,

अब कोई भी वजह नहीं बची है मुस्कुराने की,


तक़दीर की लकीरो में तेरा साथ नहीं था,

जब गौर से देखा तो लकीरे ही नहीं थी,





मेरे दर्द का अहसास भी नहीं होता लोगो को,

इतने अदब से मुस्कुराना जो सीख लिया,


तुम जीत कर भी रो पड़े थे,

हम आपसे हारे ही कुछ इस तरह थे,


आंसुओ की कीमत का अहसास है मुझे,

इसलिए तन्हाई मै भी मुस्कुराना पढता है,


कितने अकेले हो गए है हम आज,

हमे जानते तो सब है लेकिन पहचानता कोई नहीं,


जो सोचा था अगर वो सब मिल जाए,

तो ख्वाबो में और हक़ीक़त में क्या फर्क रहेगा,




सच कहूँ तो शिकायत तो मुझे खुद से है,

तुझसे तो आज भी बेपनाह मुहब्बत है,


खुदा ने भी एक बईमान दिल का मालिक बना दिया,

जो है तो मेरा पर धड़कता किसी और के लिए है,


एक वो ही थे जो मुझे समझते थे,

सुना है अब वो भी समझदार हो गए,


जो दिल से मुहब्बत करते है,

अक्सर वो ही खामोश हो जाय करते है,


इस याद के सहारे ही ज़िन्दगी बीत जायेगी अब,

की कितने तरसे थे उसके लिए जो मेरा था ही नहीं,




मेरे बदलने की दुवा ना करना मेरे यार,

अगर मै बदला तो तुझे फिर ऐसा नहीं मिलेगा,


किसी ने इस कदर रुलाया मुझे,

एक अरसा बीत गया मुस्कुराये हुवे,


एक साम तेरे शहर मे भी गुजार लू,

कल कहा गुजरा हो क्या पता,


इतने कमजोर भी नहीं थे हम की टूट जाए,

किसी ने अपना बनाकर हमे तोडा है,


जिनसे कोई उम्मीद ना थी,

वो ही लोग मेरे जनाजे  शामिल थे,


लिखते लिखते अपने गम,अब कलम भी टूट गयी,

खुशियां तो रूठी थी मुझसे अब तन्हाई भी रूठ गयी,



आज कितने ही सवाल खड़े हो गए है,

ज़िन्दगी के इम्तिहान में ना जाने हम कब बढे हो  है,



हम कहा किसी के लिए खाश थे,

ये तो हमारे झूठे अहसास थे,


बहुत कोस लिया तुजे ए ज़िन्दगी,

अब शिकायत का मौका नहीं देंगे,


अब फ़िक्र किसकी किसका ऐतबार करे,

सब धोखेबाज़ है भला किसको प्यार करे,


बरसात के मौसम में वो फिर याद आयी है,

लगता है ये बारिश भी उसके साथ मिली है,


मजबूर मै नहीं मेरे हालात थे,

ना उसको समझ ही पाया ना खुद को समझा पाया,


मुझे रुलाकर वो मुझसे दूर हो गया,

दिल ने बहुत समझाया था मुझे,

बस यही कसूर हो गया,


मौत को तो यू ही बदनाम करते है लोग,

बेवफा तो ज़िन्दगी है,







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